नारद जी के अनोखे कारनामे !🙏🙏

नारद जी के अनोखे कारनामे ! दोस्तो आपने नारद जी का नाम तो सुना होगा, जी हा ब्रह्मा जी के पुत्र नारद, उनके कारनामे पुरे ब्रह्मण्ड मैं प्रसिद्ध थे, और अब भी है। किंतु अब लोगो का धर्म और शास्त्रों से भरोसा उठ सा गया है आज के जमाने में किसी को कोई रूचि नहीं रही ! तो चलिये आज एक किस्सा में आपको सुनाता हूं! आपने भस्मासुर का नाम तो सुना ही होगा जी वही जो जिस किसी के भी सिर पे हाथ रख देता था वो भस्म हो जाता था। एक बार जब भस्मासुर तपस्या करके भगवान भोलेनाथ से वरदान प्राप्त करके वापस जा रहा था तो नारद जी ने सोचा भोलेनाथ इतने दयालु हैं और भोलेनाथ ने राक्षस को भश्मी कंगन दे दिया है और अब ये संपूर्ण ब्रह्माण्ड में आतंक मचाएगा तो इसका इलाज तो करना पड़ेगा और नारद जी पहुंच गए भस्मासुर के पास और बोले हैं भस्मासुर वरदान तो प्राप्त कर लिया है किंतु ये काम भी करता है या नहीं पुष्टि कैसे की तुमने! तब भस्मासुर बोला की है नारद आप ही बताओ कैसे पुष्टि कर सकते हैं तब नारद जी बोले कि जाओ, ये वरदान दिया, उन्हीं पे एक बार आजमा के देखो भस्मासुर बोला तुम्हारी बात बिल्कुल सही है और वो चल दिया कैलाश पर्वत की तरफ और जाके भोलेनाथ के ऊपर हाथ रखना चाहा कि भोलेनाथ एकदम से उठके भागे और बोले क्या कर रहा है मुर्ख , तब भस्मासुर बोला की इस बात की पुष्टि कर रहा हूं कि आपने जो वरदान दिया वह वो काम करता है या नहीं और वो भागा भोलेनाथ की तरफ अब भोलेनाथ आगे - आगे और भस्मासुर उनके पीछे - पीछे, फिर आखिर भगवान विष्णु ने आकर भोलेनाथ की मदद की और मोहिनी रूप लेके उस राक्षस का वध किया! अब जब सब कुछ सही चल रहा था तो इसके बीच में नारद विद्या किसने लगाई नारद जी ने ! इस्लिए कहा जाता है कि तू बीच में नारद विद्या मत लगा या कौन बीच में नारद विद्या लगा रहा है आदि ! मतलब नारद जी भी बहुत अजीब व्यक्ति रहे हैं! तो मित्रो आगे एक और किस्सा लेके फिर हाजिर होता हूं! धन्यावद 🙏🙏

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